गिलोय तुलसी और आंवले का महत्व :-
गिलोय
गिलोय एक बहुवर्षीय लता है और इसके पत्ते पान के समान होते हैं
आयुर्वेद में गिलोय को कई नामों से जाना जाता है जैसे अमृता, गुडुची, छिन्नरुहा, चक्रांगी, आदि। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह जिस भी पेड़ पर चढ़ता है उसका गुण अपने अंदर समाहित कर लेता है।
ततो येयु प्रदेशेषु कपिगात्रात् परिच्युताः।
पीयुषबिन्दवः पेतुस्तेभ्यो जाता गुडूचिका॥1- बुखार के लिए गिलोय अत्यंत ही लाभदायक है
2-त्वचा संबंधी किसी भी प्रकार के रोगों के लिए गिलोय का प्रयोग सर्वोत्तम है।
3- शरीर में हीमोग्लोबिन एवं प्लेटलेट्स की कमी को दूर करने के लिए गिलोय का प्रयोग करना चाहिए।
4-सर्दी जुकाम एवं किसी भी प्रकार की एलर्जी अत्यधिक कफ का होना ठंड लगने पर जुकाम हो जाना इसका सर्वोत्तम चिकित्सा गिलोय ही है।
5- डेंगू मलेरिया चिकनगुनिया एवं किसी भी प्रकार के विषाणुओं द्वारा बीमारियां गिलोय से अत्यंत शीघ्र ठीक हो जाती हैं।
6- विभिन्न प्रकार की असाध्य बीमारियां जैसे कैंसर डायबिटीज मानसिक बीमारियां शारीरिक दुर्बलता एवं हृदय की बीमारियां आदि का चिकित्सा गिलोय से सबसे अच्छी तरीके से हो सकता है।
आंवला
आंवला 20 से 30 फुट ऊंचा वृक्ष है जोकि सर्दियों के समय में फलदाई होता है। आयुर्वेद में इसे अमृतफल पंचरसा एवं आमलकि के नाम से भी जाना जाता है।
इसके चमत्कारिक लाभ हैं जो कि इस प्रकार हैं
1- आंवले का प्रयोग करने से किसी भी प्रकार की त्वचा संबंधित बीमारियां नहीं होती हैं।
2 आंवला का सेवन करने से शरीर में सेरोटोनिन की पर्याप्त मात्रा बन जाती है जिससे अवसाद नहीं होता है।
3- बालों की किसी भी प्रकार की समस्या के लिए आंवले का प्रयोग करना चाहिए इससे रूसी ,बालों का झड़ना ,बालों का पतला होना सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान हो जाता है।
4- आंवले के प्रयोग से शरीर की दुर्बलता कम होती है एवं मन स्थिर होता है।
5- आंवले के प्रयोग से हृदय की बीमारियां ,डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, रक्त की कमी, केंद्रीय तंत्रिका तंत्र एवं विभिन्न प्रकार की मूत्र संबंधित बीमारियां सही हो जाती हैं।
तुलसी
तुलसी 1 एक से 3 फुट ऊंची पौधा है जिस पर अत्यंत सूक्ष्म जामुनी रंग की रोये होते हैं। तुलसी दो प्रकार की होती है रामा तुलसी एवं श्यामा तुलसी रामा तुलसी की पत्तियां हरी होती हैं एवं श्यामा तुलसी की पत्तियां काली होती है तुलसी के अनेकों लाभ हैं जो इस प्रकार हैं।
1- नियमित तुलसी का सेवन करने से आंखों की बीमारियां नहीं होती हैं।
2- तुलसी का सेवन करने से डायबिटीज की बीमारियां नहीं होती है।
3- बुखार में तुलसी पेरासिटामोल की तरह काम करती है एवं चिकनगुनिया मलेरिया डेंगू प्लेग आदि सभी प्रकार के बीमारियों का नाश करती है।
4- तुलसी के बीज का सेवन करने से शारीरिक दुर्बलता कम होती है।
5- तुलसी का सेवन करने से हृदय की बीमारियां नहीं होती है।
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